यूपी का वो जिला, जो कौरव-पांडवों के चाचा और महाभारत काल के हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री से जुड़ा

Amitesh Pandey
Mar 29, 2024

Lord Krishna Footprints

यूपी के बिजनौर के दारानगर गंज स्थित विदुर कुटी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के चरण चिह्न आज भी मौजूद हैं. गंगा किनारे स्थित विदुर कुटी मंदिर का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व है. कहा जाता है कि यहां हस्तिनापुर के महामंत्री विदुर रहते थे. कहा जाता है कि आज भी इस क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्‍ण की कृपा रहती है.

यह है मान्‍यता

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, दारानगर गंज में गंगा किनारे बसी महात्मा विदुर की तपोभूमि विदुर कुटी में भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े थे.

श्रीकृष्‍ण के चरण चिन्‍ह

महाभारत के युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन के 56 भोग त्‍यागकर विदुर कुटी पहुंचे थे, तबके उनके चरण चिन्‍ह आज भी मौजूद हैं.

श्रीकृष्‍ण का मंदिर

भगवान श्रीकृष्‍ण जब यहां आए थे तो यहां बथुए का साग खाए थे. यहां विदुर कुटी पर महात्‍मा विदुर और श्रीकृष्‍ण का मंदिर भी बना है.

महाभारत में भी जिक्र

पांच हजार साल पुराने महाभारतकालीन इतिहास में विदुर कुटी का पौराणिक महत्व है.

महाभारत टालने का प्रयास

कहा जाता है कि महाभारत का युद्ध टल जाए इसके लिए महात्‍मा विदुर ने धृतराष्ट्र को खूब समझाया था.

धृतराष्ट्र को समझाया

हालांकि, पुत्रमोह के चलते धृतराष्ट्र ने महात्‍मा विदुर की सलाह को अनसुना कर दिया था.

विदुर कुटी बनाया

महात्मा विदुर हस्तिनापुर में अपना सब कुछ छोड़कर गंगा के पूर्वी छोर पर आए और गंगा किनारे कुटी बनाकर रहने लगे थे.

विदुर की कुटी आए

यह भी मान्‍यता है कि महाभारत काल में जब श्रीकृष्ण कौरवों को समझाने में अफसल रहे, तो वह महात्मा विदुर की कुटी आए थे.

12 महीनों बथुआ

उस समय भगवान श्रीकृष्‍ण ने बथुए का साग खाया था, तब से आज तक यहां 12 महीनों बथुआ का साग मिलता है.

पर्यटन को बढ़ावा

बिजनौर के विदुर कुटी पर यूपी ही नहीं देश के दिग्‍गज नेता आशीर्वाद लेने आए हैं.

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