प्रदूषण का असर

ठंड के दिनों में प्रदूषण हम सभी के स्वास्थ्य के लिए संकट पैदा करता है. हवाओं में घुलता प्रदूषण का ये जहर फेफड़ों को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाने का काम करता है. इससे लंग्स कैंसर होने की संभावना भी अधिक बढ़ जाती है.

Zee Media Bureau
Oct 30, 2023

फेफड़ों को बचाएं

फेफड़े ही वातावरण से वायु को खींचकर उससे ऑक्सीजन को छानकर खून के कतरे-कतरे में पहुंचाते हैं, साथ ही शरीर के अंदर बन रहे कार्बनडायऑक्साइड को बाहर निकालने का काम करते हैं.

पीएच लेवल बैलेंस करते हैं

फेफड़े बॉडी के पीएच को बैलेंस कर बाहरी आक्रमण से हमें बचाते हैं. ऐसे में फेफड़ों का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी हो जाता है.

त्रिफला में तीन जड़ी बुटियां

त्रिफला आयुर्वेद की तीन सबसे शक्तिशाली जड़ी बूटियों ‘विभीतकी’, ‘हरीतकी’ और ‘आंवला’ से मिलकर बनता है.

आयुर्वेद में बताई गई अहमियत

आयुर्वेद में त्रिफला को फेफड़ों की गंदगी को साफ करने के लिए सबसे बेहतरीन उपचार माना गया है.

बेजोड़ औषधी

इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी गुण इसे मजबूत औषधि बनाते हैं.

त्रिफला में क्या पाया जाता है

त्रिफला में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सिडेंट जैसे एलाजिक एसिड, टैनिन और फ्लेवोन भी फेफड़ों को अधिक मजबूती देकर उसमें जमा गंदगी को जड़ से साफ करने में असरदार साबित हो सकते हैं.

सूजन कम करेगा

इसके सेवन से गले की सूजन कम होती है और श्वसनमार्ग के रोगों से भी आराम मिलता है.

how use triphal

फेफड़ों की सफाई के लिए एक लीटर पानी में करीब 100 एमजी त्रिफला को डालकर तब तक उबालें, तब तक पानी आधा ना हो जाए. पानी हल्का गुनगुना हो जाने के बाद सुबह खाली पेट घूंट-घूंट कर इसका सेवन करें.

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