तुलसी भी फेफड़ों के लिए एक बेहतरीन औषधि है. इसके पत्तों में यूजेनॉल नामक तत्व पाया जाता है, जो श्वसनप्रणाली के लिए फायदेमंद है.
इसके अलावा तुलसी में भी एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो फेफड़ों को मजबूती देकर उनके काम को अधिक बढ़ावा देते हैं.
तुलसी की चाय का सेवन न केवल सर्दी में राहत पहुंचाने का काम करता है बल्कि, इम्यूनिटी को बढ़ाने और संक्रमण से बचाने में भी मददगार है. तो चलिए जानते हैं तुलसी की चाय पीने के फायदे.
अगर आपको चाय पीना पसंद नहीं है तो एक गिलास तुलसी का पानी पीना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. एक पैन में थोड़ा पानी और एक मुट्ठी तुलसी के पत्ते डालें. पानी को उबलने दें. इस पानी को दिन में एक या दो बार पिएं.
तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुण भी होते हैं. तुलसी का सेवन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिल सकता है.
सर्दियों का मौसम आते ही बहुत से लोग बीमार हो जाते हैं. सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित होने लगते हैं. तुलसी में यूजेनॉल मौजूद होता है, जो सर्दी, खांसी, बुखार को कम करने में मदद करता है.
उच्च रक्तचाप सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. तुलसी में ऐसे यौगिक होते हैं, जो शरीर में सूजन और रक्तचाप को कम कर सकते हैं.
मुलेठी का सेवन भी फेफड़ों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. आयुर्वेद के मुताबिक मुलेठी अपने मीठे और ठंडे गुणों के कारण श्वसनप्रणाली के संक्रमणों से राहत दिलाने में असरदार है.