महाभारत के रहस्यों से जुड़ी कथाएं आज भी हमारे देश के कोने- कोने में सुनाई जाती है. आज हम ऐसी ही एक रहस्यमयी काहनी के बारें में बात कर रहे है.
यूपी के मेरठ से 40 किमी दूर एक परीक्षितगढ़ नाम की फेमस जगह है. यह जगह सांपों से जुड़े रहस्यों के लिए भी जानी जाती है.
मान्यता है कि अगर परीक्षितगढ़ में या फिर यहां मौजूद श्रृंगी ऋषि आश्रम में आसपास भी कहीं सांप होता है तो इसका अहसास इंसान को खुद ही हो जाता है.
राजा परीक्षित उत्तरा और अभिमन्यु के पुत्र थे. परीक्षितगढ़ किले का नाम राजा परीक्षित के नाम पर पड़ा है. यह कहानी राजा परीक्षित की सर्पदंश से हुई मृत्यु से शुरू होती है.
एक बार राजा परीक्षित बहुत प्यासे थे. वह श्रृंगी ऋषि के आश्रम में पानी पीने पहुंचे, लेकिन श्रृंगी ऋषि तपस्या में लीन थे. उनके कई बार कहने पर श्रृंगी ऋषि नही जागे
परेशान होकर राज परीक्षित ने उनके ऊपर एक मरा हुआ सांप फेंक दिया. इस वाकये के बाद ऋषि के पुत्र श्रृंगी ने परीक्षित को श्राप दिया कि वह 7वें दिन ही एक सांप द्वारा दंश किये जायेंगे और उनकी मृत्यु हो जायेगी.
ऋषि के श्राप के कारण ठीक सातवें दिन उनकी तक्षक नाग के काटने से उनकी मृत्यु हो गई. इसके उनके बटे राजा बने
यहां आज भी वो पेड़ मौजूद है जिसके नीचे बैठकर श्रृंगी ऋषि तपस्या किया करते थे. वो कुंड भी मौजूद है जिसमें श्रृंगी ऋषि हवन किया करते थे.