उत्तर प्रदेश के महोबा में स्थित सूर्य मंदिर का हजारों साल पुराना इतिहास रहा है. खास बात ये है कि इसे बिना सरिया और सीमेंट के बनाया गया है.
जानकार बताते हैं कि यह मंदिर कोर्णाक के सूर्य मंदिर से भी पुराना है.
1203 ई. में इस मंदिर को कुतुबुद्दीन ऐबक ने तहस-नहस करने की सोची, लेकिन कामयाब नहीं हो सका.
यह सूर्य मंदिर महोबा से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर रहेलिया गांव में स्थित है.
बताया जाता है कि इसका निर्माण चंदेल राजा राहिल देव वर्मन ने 890 से 910 ई के मध्य कराया था.
यह मंदिर नागर शैली में बनाया गया है.
कुछ दूरी पर सूर्य कुंड भी है. जिसका पानी कभी नहीं सूखता.
रात के समय सूर्य मंदिर में सुंदर लाइटिंग होती है.
यह मंदिर पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित है.