मथुरा के ऐतिहासिक मुड़िया मेले का आगाज, लाखों भक्त क्यों करते हैं 21 किमी की गिरिराज परिक्रमा

Rahul Mishra
Jul 16, 2024

गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गिरिराज जी की नगरी गोवर्धन में 450 साल से ज्यादा पुराना मुड़िया मेला 17 जुलाई से शुरू होगा और एक हफ्ते चलेगा.

मुड़िया मेला

मुड़िया मेला को कुंभ के बाद यूपी का सबसे बड़ा मेला भी कहा जाता है, जहां एक करोड़ के करीब भक्त हर साल आते हैं.

आगरा और अलीगढ़

मुड़िया मेले के लिए लाखों की संख्या में भक्त परिक्रमा करने पहुंचे हैं. आगरा और अलीगढ़ मंडल के पुलिस प्रशासन ने पूरी तैयारी की है.

गोर्वर्धन

गोर्वर्धन के इस मेले का इतिहास चैतन्य महाप्रभु के शिष्य सनातन गोस्वामी से जुड़ा है. गोवर्धन में सनातन गोस्वामी रहते थे. वह रोज गिरिराज जी की परिक्रमा करते थे.

आषाढ़ पूर्णिमा

आषाढ़ पूर्णिमा संवत 1615 में वह ब्रह्मलीन हो गए थे. इसके बाद उनके शिष्य ने सिर मुंडवाकर उनके पार्थिव देह को गिरिराज जी की परिक्रमा कराई थी.

मेले की मशहूरी

सिर मुंडवाने के कारण इस मेले का नाम मुड़िया पड़ा. इस मेले की मशहूरी हर साल बढ़ती ही चली गई है.

कुंभ के बाद

कुंभ के बाद इसे यूपी का दूसरा सबसे बड़ा मेला माना जाता है. करीब एक करोड़ भक्त इस मेले में भाग लेने पहुंचते हैं.

1000 बस

मथुरा, आगरा समेत कई जिलों से मुड़िया मेले के लिए अतिरिक्त बसें चलाई गई है. इस बार पूरे मेले के लिए 1000 बस संचालित की गई है.

गौड़ीय महंत मंदिर

गौड़ीय महंत मंदिर के संत गुरु पूर्णिमा से एक दिन पूर्व बड़ी संख्या में संत अपने सिर के बालों का मुंडन कराते हैं और अपने गुरु महाप्रभु को याद करते हैं.

ढोल- नगाड़े

दर्जनों की संख्या में मुड़िया संत गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को ढोल- नगाड़े , बैंड- बाजे, झांझ- मंजीरा के साथ शोभायात्रा में शामिल होते है. इस बार यह 468वीं शोभायात्रा होगी.

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