सहजन में विटामिन A, C, और E, बी-कॉम्प्लेक्स, फोलेट, और विटामिन K जैसे उपयोगी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं.
सहजन में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो विषाणुओं और मुक्त रेडिकल्स के खिलाफ लड़ते हैं, जिससे संयंत्रों की अधिक सुरक्षा होती है और रोगों का संरक्षण होता है.
इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शारीरिक संरचना के विकास में मदद करते हैं, जैसे कि प्रोटीन, कैल्शियम और मैग्नीशियम.
सहजन का नियमित सेवन वजन नियंत्रण में मदद कर सकता है और अनियमित भोजन की भूख को कम कर सकता है.
अनेक अध्ययनों में सहजन का सेवन ब्लड सुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, खासकर मधुमेह के मरीजों के लिए.
इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण, सहजन हृदय स्वास्थ्य को समर्थन कर सकता है और हृदय संबंधी रोगों की संभावनाओं को कम कर सकता है.
इसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है जिससे हड्डियां मजबूत बनती है. इसके अलावा इसमें आइरन, मैग्नीशियम और सीलियम होता है.
इसका जूस गर्भवती को देने की सलाह दी जाती है. इससे डिलीवरी में होने वाली समस्या से राहत मिलती है और डिलीवरी के बाद भी मां को तकलीफ कम होती है.
मोच इत्यादि आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं तथा मोच के स्थान पर लगाने से शीघ्र ही लाभ मिलने लगता है.