मोती रत्न का सीधा संबंध चंद्रमा से है. चंद्रमा अशुभ या कमजोर होने पर मोती धारण करने के बारे में बताया जाता है.
चंद्रमा मस्तिष्क के साथ ही मन पर भी अपना गहरा प्रभाव छोड़ता है. इससे मन शांत व दिमाग शांद रहता है.
ज्यादा गुस्सा आने या डिप्रेशन में रहने की परेशानी मोती पहनकर दूर की जा सकती है. इससे धरण चंद्रमा को शुभ और मजबूत किया जा सकता है.
अगर इसे कर्क और सिंह राशि के जातक धारण करें तो लाभ ही लाभ होगा. राशि और कुंडली की गणना को इसे धारण करने से पहले देखें.
माना जाता है कि मां लक्ष्मी को मोती अति प्रिय है. ऐसे में इसे धारण करने से माता की असीम कृपा पाई जा सकती है. जीवन में धन-संपत्ति से भर जाता है.
चांदी की अंगूठी मोती धारण करने के लिए सबसे अच्छा होता है. मोती का चंद्रमां से संबंध है तो इसे सोमवार की सुबह धारण करना सही माना गया है.
हाथ की सबसे मोती जड़ित अंगूठी को छोटी अंगुली में धारण करना चाहिए. पूर्णिमा के दिन इसे धारण करने की सलाह हमेशा से दी जाती रही है.
मोती को धारण करने से पहले इसे गंगाजल से धोएं, इसे शिवजी को अर्पित करें. गोल मोती की माला धारण करना हो तो पहले कुंडली में चंद्रमा की स्थिति जरूर देखें.
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.