आगरा नाम सुनने ही सबसे पहले ताजमहल की याद आती है. लेकिन आगरा में और भी कई ऐसी जगहें है जो घू्मने और देखने लायक है.
आज हम एक ऐसी ही जगह के बारे में बात कर रहे है, जो आगरा में मौजूद है, और अकबर द्वारा बनवाई गई है.
आगरा में उत्तर भारत का सबसे पुराना चर्च है जो ताजमहल से भी पुराना है. इसका निर्माण 1599 में खुद अकबर के निर्देश पर करवाया गया था.
जिस प्रकार ताजमहल का निर्माण शाहजहां ने मुमताज की याद में कराया था, उसी प्रकार अकबर ने अपनी बेगम मरियम की इबादत के लिए यह चर्च बनवाया था.
यह भी कहा जाता है कि उत्तर भारत में क्रिसमस के मौके पर पहली बार ‘जिंगल बेल’ का स्वर आगरा में ही गूंज था.
इस चर्च के बारे में आगरा के इतिहासकार राजकिशोर राजे अपनी किताब तवारीख़ -ऐ- आगरा में लिखते हैं.
अहमद शाह अब्दाली द्वारा भी इस चर्च को कई बार हानि पहुंचाई गई, लेकिन समय, समय पर इसकी मरम्मत होती रही
पुर्तगालियों में मतभेद होने के कारण 1635 में इस चर्च को गिरा दिया गया था. इसके बाद फिर से इसका निर्माण कराया गया था.