कुरुक्षेत्र के मैदान में महाभारत का युद्ध लड़ा गया था. कौरव और पांडवों के बीच हुए युद्ध में कई पराक्रमी योद्धाओं की कहानियां आज भी प्रचलित हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं, इनमें से 10 ऐसे योद्धा हैं, जिनको मायावी और रहस्यमयी माना जाता था. आइए जानते हैं इनके बारे में.
सहदेव भविष्य में होने वाली किसी भी घटना को पहले ही देख सकते थे. उनको पहले से मालूम था कि महाभारत में कौन जीतेगा..
बर्बरीक कौरव और पांडवों की पूरी सेना खत्म कर सकते थे. उन्होंने कहा कि वह हारने वाले की तरफ से लड़ेंगे. श्रीकृष्ण ने उनका शीश मांग लिया था.
संजय धृतराष्ट्र के मंत्री थे, वह सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठकर धृतराष्ट्र को महाभारत के युद्ध का वर्णन रोज सुनाते थे.
अश्वत्थामा द्रोणाचार्य के बेटे थे. उनको हर विद्या में निपुण थे. वह पहले ही दिन युद्ध खत्म कर सकते थे. लेकिन श्रीकृष्ण ने ऐसा नहीं होने दिया.
कर्ण के पास कुंडव और कवच रहस्यमयी व्यक्तित्व का परिचायक था. वह इंद्र के दिए अमोघ अस्त्र को घटोत्कच पर न चलाते तो परिणाम कुछ और था.
भीम के पास हजार हाथियों के बराबर बल था. युद्ध में उनसे ज्यादा किसी के पास ताकत थी तो वह उनका ही बेटा घटोत्कच था.
घटोत्कच इतने विशालकाय थे कि एक लात मारकर रथ को पीछे हटा देते थे.
अभिमन्यु ने गर्भ मे रहते हुए ही युद्ध की विद्या सीख ली थी. गर्भ में ही उन्होंने चक्रव्यूह भेदना सीख लिया. लेकिन मां के सोने की वजह से इसे तोड़ना नहीं सीख पाए.
जरासंघ का शरीर वज्र जैसा मजबूत था, जो धनुष या हथियार से भी नहीं भेदा जा सकता था.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.