महाभारत के वो 10 मायावी योद्धा, जो अकेले ही पलट सकते थे युद्ध का पासा

Shailjakant Mishra
May 25, 2024

महाभारत का युद्ध

कुरुक्षेत्र के मैदान में महाभारत का युद्ध लड़ा गया था. कौरव और पांडवों के बीच हुए युद्ध में कई पराक्रमी योद्धाओं की कहानियां आज भी प्रचलित हैं.

मायावी-रहस्यमयी योद्धा

लेकिन क्या आप जानते हैं, इनमें से 10 ऐसे योद्धा हैं, जिनको मायावी और रहस्यमयी माना जाता था. आइए जानते हैं इनके बारे में.

सहदेव

सहदेव भविष्य में होने वाली किसी भी घटना को पहले ही देख सकते थे. उनको पहले से मालूम था कि महाभारत में कौन जीतेगा..

बर्बरीक

बर्बरीक कौरव और पांडवों की पूरी सेना खत्म कर सकते थे. उन्होंने कहा कि वह हारने वाले की तरफ से लड़ेंगे. श्रीकृष्ण ने उनका शीश मांग लिया था.

संजय

संजय धृतराष्ट्र के मंत्री थे, वह सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठकर धृतराष्ट्र को महाभारत के युद्ध का वर्णन रोज सुनाते थे.

अश्वत्थामा

अश्वत्थामा द्रोणाचार्य के बेटे थे. उनको हर विद्या में निपुण थे. वह पहले ही दिन युद्ध खत्म कर सकते थे. लेकिन श्रीकृष्ण ने ऐसा नहीं होने दिया.

कर्ण

कर्ण के पास कुंडव और कवच रहस्यमयी व्यक्तित्व का परिचायक था. वह इंद्र के दिए अमोघ अस्त्र को घटोत्कच पर न चलाते तो परिणाम कुछ और था.

भीम

भीम के पास हजार हाथियों के बराबर बल था. युद्ध में उनसे ज्यादा किसी के पास ताकत थी तो वह उनका ही बेटा घटोत्कच था.

घटोत्कच

घटोत्कच इतने विशालकाय थे कि एक लात मारकर रथ को पीछे हटा देते थे.

अभिमन्यु

अभिमन्यु ने गर्भ मे रहते हुए ही युद्ध की विद्या सीख ली थी. गर्भ में ही उन्होंने चक्रव्यूह भेदना सीख लिया. लेकिन मां के सोने की वजह से इसे तोड़ना नहीं सीख पाए.

जरासंघ

जरासंघ का शरीर वज्र जैसा मजबूत था, जो धनुष या हथियार से भी नहीं भेदा जा सकता था.

डिस्क्लेमर

पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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