इसमें प्रोबायोटिक और विटामिन होते हैं जो किसी भी मौसम में इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं.
रात के खाने में दही एक अच्छा साइड डिश हो सकता है,मस्तिष्क में ट्रिप्टोफैन नामक एक अमीनो एसिड को रिलीज करने में मदद करता है.
दही एक बेहतरीन इम्युनिटी बिल्डर है, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह डब्ल्यूबीसी को भी बढ़ाता है.
दही कैल्शियम, विटामिन डी, पोटेशियम और प्रोटीन से भरपूर होता है, दही के सेवन से आपके शरीर में फैट नहीं बढ़ेगा और आप मोटे नहीं होंगे.
मां के दूध से केवल पोषक तत्व शिशु तक पहुंचेंगे और इससे कोई सर्दी या संक्रमण नहीं होगा.
दही में किण्वित होता है, सर्दियों में दही खाने से कोई समस्या नहीं होती है.
दही में एक्टिव बैक्टीरिया, लैक्टोबैसिलस और एसिडोफिलस कंपोनेंट होते हैं,कम मात्रा में प्रेग्नेंट महिलाएं इसका सेवन कर सकती है.
दही में मौजूद बैक्टीरिया मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है,दही का तासीर ठंडा होता है, जो में पाचन संबंधी समस्या को कम करने में मदद करता है.
दही में गुड बैक्टीरिया की मात्रा के कारण, ये दूध की अपेक्षा अधिक हेल्दी प्रोटीन से समृद्ध होता है. इसलिए दही का पचाना भी आसान होता है.
दही में ट्रिप्ट्रोफैन नामक पदार्थ पाया जाता है, जो स्लीप साइकिल को नियंत्रित करने में सहायता करता है.