अधिक वजन या मोटापे के कारण किसी व्यक्ति में टाइप-2 मधुमेह विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा, टाइप-2 मधुमेह वाले लोगों में वजन बढ़ने से रक्त शुगर लेवल को कंट्रोल करना और भी कठिन हो जाता है.
वास्तव में आंत की चर्बी (पेट की चर्बी) वाले लोग भी इंसुलिन प्रतिरोध का अनुभव कर सकते हैं. पेट की अतिरिक्त चर्बी से पैदा हार्मोन इंसुलिन प्रतिरोध में भूमिका निभाते हैं, जो संभवतः टाइप-2 मधुमेह की वजह बनता है.
आयुर्वेद के मुताबिक प्राकृतिक रूप से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है.
मेथी एक लोकप्रिय मसाला है जिसका उपयोग अधिकांश भारतीय व्यंजनों में किया जाता है. इंटरनेशनल जर्नल फॉर विटामिन एंड न्यूट्रिशन रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक पानी में भिगोए गए 10 ग्राम मेथी दाना की दैनिक खुराक टाइप -2 मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है.
मेथी में फाइबर होता है और पाचन प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करता है. यह पेट की चर्बी को कुशलतापूर्वक जलाने में भी मदद करता है. सुनिश्चित करें कि आप मेथी दाना को पानी में भिगो दें क्योंकि मेथी का सेवन करने से शरीर में गर्मी पैदा हो सकती है.
हल्दी में सक्रिय पॉलीफेनोल जिसे करक्यूमिन के नाम से जाना जाता है, टाइप-2 मधुमेह के लिए आदर्श हस्तक्षेप प्रदान कर सकता है. हल्दी को मोटापे से जुड़ी सूजन को कम करने और वसा जलने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए भी जाना जाता है.
आंवले का रस फाइबर से भरपूर होता है, जो इसे पाचन को बढ़ावा देने के लिए बहुत अच्छा बनाता है. एक स्वस्थ पाचन तंत्र वजन घटाने की कुंजी है. यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर के अनुसार अग्नाशयशोथ को रोकने के लिए आंवला एक प्रभावी पारंपरिक उपाय है.
आंवले का रस पीना वसा जलाने और मधुमेह को नियंत्रित करने का एक शानदार तरीका है. सेहतमंद रहने के लिए आप आंवले का मुरब्बा बना सकते हैं या ऐसे ही खा सकते हैं.
एक कप उबले पानी या ग्रीन टी में एक चम्मच शहद और दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने से वजन घटाने को बढ़ावा मिल सकता है. इसके अलावा, यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में भी मदद करता है. अपने नाश्ते के अनाज, फ्रेंच टोस्ट आदि पर दालचीनी पाउडर छिड़कें. दूसरा विकल्प दालचीनी की चाय बनाना है.