भारत के विद्वान व्यक्तियों में से एक आचार्य चाणक्य ने जीवन को सफल बनाने के कई मंत्र दिए हैं, जिन्हें अपनाने से हर मुश्किल आसान हो जाती है.
आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में जीवन जीने के ढ़ंग के साथ ही कठिन परिस्थितियों में खुद पर संयम रखने के उपाय भी बताए हैं.
अपने ग्रंथ में आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे लोगों का जिक्र भी किया है, जिनसे हंसी-ठिठोली करना आपको महंगा पड़ सकता है. आइए जानते हैं.
कभी भी अपनी मां या किसी और की मां का मजाक नहीं बनाना चाहिए. जो लोग मां का अपमान करते हैं उन्हें ईश्वर कभी भी मांफ नहीं करते.
कहा जाता है अगर मां बच्चे को जन्म देती है तो पिता जीवन को सार्थक बनाते हैं. इसलिए कभी भी अपने पिता या किसी और के पिता का अपमान ना करें.
माता-पिता के बाद अगर किसी का जीवन को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान होता है तो वो हैं आपके गुरु. इसलिए कभी भी उनका अनादर ना करें.
शास्त्रों में ब्राह्मण का स्थान बहुत ऊपर है. इसलिए कभी भी आपको द्वार पर आए ब्राह्मण का अपमान नहीं करना चाहिए. ऐसा नहीं करने से आप पाप के भागी बनते हो.
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, कभी भी किसी की परिस्थिति पर हंसना या उसका मजाक नहीं बनाना चाहिए. क्योंकि समय का चक्र हमेशा घूमता है.
यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं/ चाणक्य नीति पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.