Palm Reading: हथेली पर कुछ ऐसी रेखाएं होती हैं जो संतान सुख के बारे में बताती हैं.
हथेली के बुध पर्वत पर बनने वाली रेखाएं बताती है कि व्यक्ति के जीवन में संतान सुख है या नहीं.
बुध पर्वत पर जितनी खड़ी रेखाएं होती हैं संतान की संख्या उतनी हो सकती है.
हाथ के अंगूठे के निचले भाग यानी शुक्र पर्वत पर बनने वाली छोटी रेखाएं संतान की संख्या को निर्धारित करती है.
बुध और शुक्र पर्वत की इन छोटी रेखाओं को संतान रेखा के तौर पर भी जाना जाता है.
जितनी सीधी और गहरी रेखाएं होती हैं, वे पुत्र संतान का प्रतीक हैं.
जितनी हल्की या बारीक रेखाएं होती हैं वो कन्या संतान की संख्या बताती हैं.
संतान रेखाएं साफ, स्पष्ट, बिना टूटी हो तो उत्तम संतान की प्राप्ति को दर्शाती हैं.
संतबन रेखा पर यदि द्वीप चिह्न हो तो संतान का खराब स्वास्थ्य रह सकता है.
हथेली में संतान रेखा पर यदि तिल हो तो संतान प्राप्ति में समस्या होती है.
हथेली में संतान रेखाएं टूटी फूटी हों तो संतान सुख प्राप्त नहीं हो पाता.
संतान रेखाएं नीचे से ऊपर जाती हो तो और अंत में 2 भागों में बंट जाती हों तो संतान के सामने संकट आ सकता है.
संतान रेखा पर लाल तिल का होना संतान के अल्पायु को दिखाता है.
बुध पर्वत का उभरा हुआ होना चार संतान होने का संकेत देता है.
शुक्र पर्वत का उभरा हुआ होना एक संतान के होने का संकेत देता है.
यह सूचना जानकारियों पर आधारित है. ZEEUPUK इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है.