pitru paksh 2023: पितर के पिंडदान से सात पीढ़ियों का उद्धार, जानें पितृ पक्तष में र्पण के लाभ

क्यों करते है पिंड दान

हिंदू धर्म में पिंड दान करने की मान्यता है. पिंड दान इसलिए होता है ताकि उनकी आत्मा तृप्त होकर बैकुंठ धाम को लौटे.

पिंड (गया बिहार ) में क्यों करते हैं

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि यदि इस स्थान पर पितृपक्ष में पिंडदान किया जाए तो पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है.

बेटे को मिलता है पुण्य

पिंड दान का पुण्य बेटे को भी मिलता है. पिंड दान के बाद पितर जब बैकुंठ को लौटते हैं, तो आर्शीवाद देते हैं.

पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.

2023 में कब है

2023 में पितृ पक्ष 29 सितंबर को शुरु होगा और 14 अक्टूबर को खत्म होगा.

शुभ कार्य नहीं करना चाहिए

पितृ पक्ष के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी, मुंडन,आदि नहीं करना चाहिए.

पितृ पक्ष के दौरान शाकाहारी भोजन करना चाहिए

शाकाहार

शाकाहार में भी कुछ चीजों के खाने का मनाही होता है. इस दौरान खीरा , सरसों का साग और जीरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

Disclaimer:

यहां दी गई सारी जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. Zee UP/UK इसकी कोई पुष्टि नहीं करता है.

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