परिजात का पौधा पूजा-पाठ में बहुत इस्तेमाल किया जाता है.
भगवान इंद्र ने परिजात के पौधे को स्वर्ग में लगाया था.
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि परिजात के फूल में मां लक्ष्मी वास करती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अपने वनवास के दौरान माता सीता ने हरसिंगार के फूलों से ही अपना श्रृंगार करती थी.
मान्यताओं के आधार पर परिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन के बाद हुई थी.
कहा जाता है कि अपने अज्ञातवास के दौरान माता कुंती ने परिजात फूल से शिव पूजन की इच्छा जाहिर कि थी. और अर्जुन स्वर्ग से जाकर परिजात का पुष्प माता कुंती को दिए थें.
परिजात अपने औषधीय गुण के लिए भी जाना जाता है.
परिजात के बीज के सेवन से बवासीर रोग ठीक हो जाता है.
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UP/UK इसकी पुष्टि नहीं करता है.