वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज को हर कोई जानता है. उनके सत्संग में दूर-दूर से लोग आते हैं. सोशल मीडिया पर उनके प्रवचनों को खूब सुना जाता है.
लोगों के मन में सवाल रहता है कि वह वृंदावन के बाहर सत्संग करने क्यों नहीं जाते. इस सवाल का जवाब वह खुद दे चुके हैं.
सत्संग में आए एक भक्त ने सवाल किया, 'महाराज जी आप भी अन्य की तरह बाहर जाकर सत्संग क्यों नहीं करते हैं. मैं आपके लिए बड़ा आयोजन करना चाहता हूं.
प्रेमानंद महाराज जी ने कहा, ना मैं बड़ा हूं और न प्रवचन करता हूं, कक्षा 9 पढ़ा हूं, हमें कोई ज्ञान नहीं है. ये जो आप सुन रहे हो वह मेरे प्रभु आपको सुनवा रहे हैं.''
उन्होंने कहा, हमारी बात बड़े लोगों के समझ में ही नहीं आएगी. हम धाम निष्ठ गुरुकृपा से हैं, धाम से बाहर जाना इस शरीर का नहीं हो सकता.''
अगर किसी को समझना है तो उसका एक शब्द से मंगल हो जाएगा, चाहें वह विश्व में कहीं भी हो. हमारी बात इस युग में अमेरिका में बैठकर भी सुन सकते हैं.
इसीलिए हमने सत्संग के वीडियो बनाने की अनुमति दी है. वरना शुरुआत में इसकी किसी को भी अनुमति नहीं थी.
अगर प्यासा व्यक्ति है तो उसे कहीं भी पानी मिलेगा तो वह दौड़कर जाके पी लेगा.
जिसे लाभ लेना है, उसका एक शब्द सुनके हो जाएगा. बात माननी है तो हजार कोस दूर से मान लो, आपका मंगल शुरू हो जाएगा.