प्रेमानंद जी महाराज के वचन

ब्रह्मचर्य

प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि पवित्र तिथियों जैसे अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्दशी, अष्टमी और एकादशी पर गृहस्थ को भी ब्रह्मचर्य में रहना चाहिए. नहीं तो व्यक्ति की आयु कम हो सकती है.

मध्यान्ह

प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि सूर्य की ओर ग्रहण या मध्यान्ह के समय नहीं देखना चाहिए. इससे व्यक्ति पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है.

नास्तिक

प्रेमानंद जी महाराज की माने तो जो लोग ईश्वर में नहीं मानते हैं, शास्त्रों की अवहेलना करते हैं, नास्तिक रहते हैं, गुरु का अपमान करते हैं. उनकी आयु पर प्रभाव पड़ता है.

आयु पर प्रभाव

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार जो लोग दुराचारी बने रहते हैं, उनकी सेहत खराब रहती है. ऐसे लोगों कि आयु पर प्रभाव पड़ता है. जीवन में सुख-समृद्धि की कमी रहती है.

उपहास

महाराज जी बताते हैं कि दृष्टिहीन, निर्बल, कुरूप या निर्धन व्यक्ति पर जो लोग उपहास उड़ाते हैं उनकी आयु पर आसर पड़ता है.

मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं

महाराज जी बताते हैं कि उपहास करने वालों से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और उनकी उम्र पर भी असर पड़ सकता है.

व्यर्थ भाषण

प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि संध्याकाल में जो व्यक्ति सोता है, भोजन करता है, व्यर्थ भाषण, व्यर्थ की चेष्टाएं करें उसकी आयु नष्ट होने लगती है.

भगवान में ध्यान

प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि जो लोग संकीर्तन, भगवान का भजन करते हैं, भगवान में ध्यान करते हैं उनकी उम्र बढ़ती है.

डिस्क्लेमर

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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