श्रीराम और हनुमान जी की पहली भेंट

Padma Shree Shubham
Apr 23, 2024

भेंट

वाल्मीकि जी के रामायण में श्रीराम और हनुमान जी की पहली भेंट को विस्तारपूर्वक दर्शाया गया है.

श्री राम और लक्ष्मण

रावण ने जब सीता माता का हरण किया तब श्री राम और लक्ष्मण उनकी खोज में भटकते हुए ऋष्यमूक पर्वत जा पहुंचे. जहां सुग्रीव अपने साथियों के साथ छुपे थे.

पहचान

श्रीराम और लक्ष्मण को देख सुग्रीव को संदेह हुआ और दोनों युवक की पहचान करने के लिए उन्होंने हनुमान जी से कहा.

तेजस्वी युवक

वनरराज सुग्रीव ने महामंत्री हनुमान जी से कहा कि दो अत्यन्त तेजस्वी युवक उनके वन में भटक रहे हैं. पता लगाइए कि वह कौन हैं, बालि उन्हें हमें मारने के उद्देश्य से उन्हें नहीं भेजा?

साधू रूप

यह पता लगाने के लिए हनुमान जी ने साधू रूप धारण किया और श्रीराम-लक्ष्मण के पास गए. उन्होंने दोनों से पूछा- ‘हे सुंदर मुख व गोरे शरीर वाले वीर कौन हैं आप.

हनुमान जी ने आगे कहा

हनुमान जी ने आगे कहा- अपने कोमल चरणों से वन की कठोर भूमि पर आप क्यों चल रहे हैं? कड़ी धूप को सह रहे हैं. आप त्रिदेवों में से कोई एक तो नहीं, क्या नर-नारायण हैं आप?

प्रणाम

हनुमान जी के ऐसे विनयपूर्ण वचन सुनकर श्रीराम और लक्ष्मण जी ने अपना परिचय दिया. जैसे ही हनुमान जी ने श्रीराम का नाम सुना उनके चरणों में प्रणाम कर उनकी स्तुति की.

तपस्वी रूप

हनुमान जी ने कहा कि‘प्रभु वर्षों के बाद तपस्वी के रूप में आपको देख मैं आपको नहीं पहचान सका. इसके बाद वीर हनुमान जी अपने वास्तविक रूप में राम जी के सामने प्रकट हो गए.

Disclaimer

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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