क्या होता है सुपर ब्लू मून? कैसे देखा जाता है? कहां से देखा जाता है? इस लेख में आपको सुपर मून को लेकर पूरी जानकारी दी जा रही है.
इस साल 30 अगस्त का दिन खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन आसमान में अद्भुत ब्लू मून देखने को मिलने वाला है.
इस दिन पूर्णिमा के साथ ही रक्षाबंधन के मौके पर आसमान में ब्लू सुपरमून नजर आने वाला है. ब्लू मून देखने में अपने नाम के बिल्कुल उलट होता है. यह दिखने में हल्का संतरी रंग का दिखाई देगा.
बुधवार को पृथ्वी से लगभग 3 लाख 57 हजार 181 किलोमीटर दूर रहकर चांद पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए सबसे निकट बिंदु पर होगा. इस कारण वह माइक्रोमून की तुलना में लगभग 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखेगा.
यह सुपरब्लूमून नीला नहीं दिखेगा, बल्कि पूर्णिमा के चांद की तरह ही चमक रहा होगा. दुर्लभ वस्तुओं या घटनाओं के नाम के आगे ब्लू लगा दिया जाता है. अत: मान्यता के अनुसार कुछ लोगों ने इसे ब्लूमून नाम दिया है.
इसे तिरंगामून नाम भी दे सकते हैं, क्योंकि इस चांद के शिवशक्ति पाइंट के आसपास हमारे तिरंगे के साथ प्रज्ञान रोवर भी चहलकदमी कर रहा है.
इस सुपर ब्लू मून को सूर्यास्त के बाद देखा जा सकता है. 30 अगस्त की रात 8:37 PM के बाद इस चांद को साफ देखा जा सकता है. यूरोप के देशों में यह कुछ समय के बाद देखा जाएगा.
अगर कल आपने इस चांद को नहीं देखा तो फिर यह 3 साल के इंतजार के बाद दिखेगा. सुपर ब्लू मून हर 3 साल में एक बार दिखाई देता है.