ज्यादातर लोग शकरकंद और रतालु को एक ही समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. ये दोनों ही कंद मूल वाली सब्जियां हैं, लेकिन इनमें ज्यादा समानताएं नहीं हैं.
रतालु शकरकंद की तुलना में कम मीठी और ज्यादा स्टार्च युक्त होती है. वहीं, इसके अंदर का हिस्सा सफेद, पीला और बैंगनी रंग का होता है. वहीं सफेद रतालू में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है.
रतालू में कई पोषक तत्व मौजूद हैं. करीब 100 ग्राम रतालू में 118 कैलोरी, 0.2 ग्राम वसा, 816 मिलीग्राम पोटैशियम, 28 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4 ग्राम फाइबर, 1.5 ग्राम प्रोटीन, 28 प्रतिशत V- सी और 15 प्रतिशत विटामिन बी, 5 प्रतिशत मैगनीशियम आदि पाए जाते हैं.
रतालू में कैंसररोधी गुण पाए जाते हैं जो कैंसर को रोकने में मददगार होता है. रतालू में मौजूद विटामिन ए फेफड़े और मुंह के कैंसर से लड़ने में सहायक है. हम आपको बताते हैं रतालू से होने वाले फायदों के बारे में.
रतालू मानसिक हेल्थ के लिए अच्छा होता है. इसमें डायोसजेनिन नामक एक रसायन पाया जाता है जो न्यूरॉन के विकास को बढ़ाने और दिमाग के कामों में सुधार करने के लिए है.
रतालु श्वसन प्रणाली को बनाए रखने में कारगर है. इसके सेवन से श्वसन प्रणाली बढ़िया काम करती है और आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है. यह फेफड़ों की समस्या से भी राहत दिलाता है.
रतालू के सेवन से शरीर के विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते हैं जिससे त्वचा रोग दूर होने में मदद मिलती है. इसमें मौजूद विटामिन सी हमारे शरीर में कोलेजन निर्माण को बढ़ावा देते हैं.
कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने पर रतालू का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है. यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.