नवरात्रि के 9 दिन जब पूरे भारतवर्ष में विजय दशमी मनाई जाती है तब उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के जिले में ग्रेटर नोएडा के एक छोटे से गांव में मातम मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस गांव में रावण का जन्म हुआ था.
गौतमबुद्ध नगर से कुछ ही किलोमीटर दूर बिसरख नाम का गांव है, जहां रावण का जन्म हुआ था.
इस गांव में रावण के बाद कुंभकरण, सूर्पणखा और विभीषण ने भी जन्म लिया था.
पौराणीक कहावतों के मुताबीक इस गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां के लोग दशहरा नहीं मनाते हैं.
गांव में रामलीला के दौरान हुई दो मौतों के कारण रावण दहन का आयोजन बंद कर दिया गया.
यही वजह है कि यहां पर न तो दशहरा मनाया जाता है और न ही रावण के पुतले को जलाया जाता है.
यही नहीं दशहरा के दिन यहां रावण की पूजा करते हैं, सुबह-शाम पकवान बनाते हैं.
बिसरख गांव में नवरात्रि के दौरान शिवलिंग पर बलि चढ़ाने और हवन करने की परंपरा है, जिससे बिसरख की आत्मा की शांति हो.
बिसरख गांव के लोग रावण को अपना बेटा और देवता मानते हैं, इसलिए वे रामलीला नहीं देखते और न ही रावण दहन करते.
बिसरख गांव का नाम रावण के पिता विश्रवा ऋषि के नाम पर पड़ा है, जो उनका निवास स्थान था.
विश्रवा ऋषि बिसरख में रोज पूजा करते थे और यहीं रावण ने अपनी शिक्षा प्राप्त की थी, जो उनका पैतृक स्थान था.
इस लेख में दी गई ये जानकारी शास्त्रों और पुराणों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.