इस राक्षस ने अर्जुन को दिया था हमेशा तीरों से भरा रहने वाला तरकश, जानें अब कहां है गांडीव धनुष

Preeti Chauhan
Oct 08, 2024

महाभारत के अर्जुन

वीर अर्जुन महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण किरदारों में से एक थे.

योद्धाओं में अर्जुन सबसे कुशल

महाभारत के युद्ध में शामिल योद्धाओं में अर्जुन सबसे कुशल तीरंदाज थे.

वीर अर्जुन

धनुर्धर अर्जुन जब भी तीर छोड़ते तो रणभूमि में हाहाकार मच जाता था.

हमेशा तीरों से भरा रहता था तरकश

अर्जुन कितने भी तीर चला लेते थे लेकिन उनका तरकश हमेशा तीरों से भरा रहता था. मान्यता है कि अर्जुन के पास दिव्य शक्तियां थीं.

मयासुर ने दिया तरकश

ऐसा कहा जाता है कि ये तरकश राया मयासुर ने कुंतीपुत्र को उस समय दिया था जब भगवान श्रीकृष्ण पांडवों को लेकर खांडव वन गए थे.

खांडव वन

मयासुर ने खांडव वन को नया रूप दिया. उसी दौरान मयासुर ने अर्जुन को दिया था. पौराणिक कथाओं के अनुसार मयासुर को ये तरकश अग्निदेव ने दैत्यराज को दिया था.

राजा बलि के पास भी थे ऐसे तीर

ये भी कहा जाता है कि ऐसे ही तीर राजा बलि के पास भी थे जिससे उन्होंने देवराज इंद्र को हरा दिया था.

गांडीव धनुष

वीरपुत्र अर्जुन के पास गांडीव धनुष था जिसे किसी भी शस्त्र से काटा नहीं जा सकता था. इस धनुष की टंकार इतनी तेज़ थी कि इससे पूरी रणभूमि गूंज उठती थी.

वरुणदेव ने अग्निदेव को दिया

यह धनुष वरुणदेव ने अग्निदेव को दिया था और अग्निदेव ने कुंतीपुत्र अर्जुन को दिया था.

गांडीव और धनुष को त्याग

महाभारत युद्ध के बाद, अर्जुन ने अपने गांडीव और धनुष को त्याग दिया था. कुछ मान्यताओं के अनुसार, गांडीव धनुष आज भी समुद्र में कहीं छिपा हुआ है.

डिस्क्लेमर

यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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