नवंबर का महीना शुरू हो गया है. इसी के साथ हल्की गुलाबी ठंडक ने भी दस्तक दे दी है. ऐसे में खाने पीने का मजा ही अलग होता है.
ठंड में साग का सेवन सेहत के लिए तो फायदेमंद होता ही है. साथ ही मौसमी बीमारियों को भी पास नहीं भटकने देता.
बदलते मौसम में थोड़ी सी लापरवाही से सर्दी-जुकाम हो जाता है. धूप न निकलने से रक्त का संचार नहीं हो पाता. साग ब्लड सर्कुलेट करता है.
चने का साग सभी सागों में सबसे ज्यादा पावरफुल माना जाता है.
चने का साग डायबिटीज नियंत्रित करने में मदद करता है. साथ ही हार्ट डिजीज से भी बचाता है.
सरसों के साग में कम कैलोरी और फैट होता है. वहीं इसमें कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शुगर, पोटेशियम, विटामिन ए, सी, डी, बी 12, मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है.
सरसों के साग में फाइबर अधिक मात्रा में होने के कारण पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है. इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है.
बथुआ में कई औषधीय गुण होते हैं. इसमें बहुत से विटामिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम पाए जाते हैं.
बथुआ के नियमित सेवन से गुर्दे में पथरी होने का खतरा कम होने के साथ ही गैस, पेट में दर्द और कब्ज की समस्या भी दूर होती है.
चौलाई में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन-ए, मिनिरल व आयरन से भरपूर होता है.
चौलाई का सर्दियों में नियमित सेवन करने से शरीर में होने वाले विटामिन की कमी को आप दूर कर सकते हैं. यह कफ का दूर करता है.
मेथी में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, नियासिन, पोटैशियम, आयरन, फॉलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक होते है. इसके सेवन से हाई बीपी, डायबिटीज, अपच आदि दूर हो जाता है.
यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.