शनि देव को प्रसन्न करना है तो 06 जून का दिन अति महत्वपूर्ण है.
06 जून को अमावस्या तिथि है ऐसे में इस दिन शनि देव की आराधना का विशेष फल मिल सकता है.
अमावस्या तिथि पर शनि जयंती का पर्व मनाने का विधान है.
शनि की ढैय्या, शनि की साढे़साती व शनि दोष के प्रभाव को अगर कम करना है तो आपको ज्येष्ठ अमावस्या पर विशेष करनी चाहिए.
अमावस्या तिथि पर शनि देव की पूजा करने से शनि के दुष्प्रभाव कम होने लगते हैं.
वहीं 29 जून का दिन भी अति शुभ है. इस दिन शनि देव की पूजा करने से अति लाभ हो सकता है.
29 जून को शनि देव वक्री हो रहे हैं.
29 जून को बाद शनि देव नवंबर तक यानी इतने समय तक वक्री ही रहेंगे.
शनि के वक्री होने से जिन राशियों पर शुभ प्रभाव होगा वो हैं- वृषभ, कर्क और तुला राशि