शास्त्रों की माने तो बेजुबान जानवरों खासकर अगर कुत्ते को कोई सताए तो ऐसे व्यक्ति को शनि देव का प्रकोप झेलना पड़ता है.
अगर कोई व्यक्ति गंदगी फैलाता है, गंदगी में रहता है तो उसे शनि का आशीर्वाद कभी प्राप्त नहीं होता.
शनि की अशुभ छाया अगर किसी पर पड़े तो उस व्यक्ति को बीमारी, कष्ट, पैसों की तंगी के साथ ही असफलताएं घेर लेती हैं.
शनिदेव कर्म फल दाता हैं, जो लोग स्वार्थ में आकर गरीब, असहाय लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं, चोरी, छल कपट करते हैं उनको शनि देव जीवनभर दंड देते हैं.
बुजुर्गों का अपमान करने, माता को अपशब्द कहने से शनि देव क्रोधित होते हैं और ऐसे धनवान और सफल व्यक्ति को कंगाल और बिना काम के बना सकते हैं.
अमावस्या या शनिवार को मदिरा, तामसिक भोजन करने वाले को शनि की महादशा झेलनी पड़ती है. उनके कष्ट कभी दूर नहीं होते हैं.
पीपल का पेड़ काटना, उसे नुकसान पहुंचाना, ऐसे कृत्य शनि को नाराज करते हैं. ऐसे लोगों को शनि की अशुभ छाया पड़ती है.
इन जातकों पर शनि की ऐसी अशुभ छाया पड़ती है कि अचानक ही इन्हें तगड़ा नुकसान होता है.
शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनि प्रतिमा पर शनिवार के दिन तेल चढ़ाना, गरीब, जरुरतमंदों की सहायता करना शनि चालीसा का नित्य पाठ करना लाभकारी हो सकता है.
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