शरद पूर्णिमा पर बन रहे 4 दुर्लभ संयोग, चंद्रग्रहण भी लगेगा

Preeti Chauhan
Oct 26, 2023

शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व

हिंदू शास्त्रों में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं और अमृत वर्षा करते हैं. इसलिए इस दिन चंद्रदेव की पूजा भी की जाती है.

कोजागरी पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं. बता दें, इस बार शरद पूर्णिमा पर कई शुभ योग भी बनने जा रहा है.

शरद पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है और कुंडली में स्थित चंद्रदोष से भी छुटकारा मिल जाता है. शरद पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना की जाती है.

सूतक काल

इस बार शरद पूर्णिमा के मौके पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार ये चंद्र भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.

शरद पूर्णिमा तिथि

हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार पूर्णिमा तिथि दिनांक 28 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 18 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 29 अक्टूबर को मध्यरात्रि 1 बजकर 53 मिनट तक है. इसलिए पूजा और व्रत 28 अक्टूबर को होगी.

लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 07 बजकर 54 मिनट से लेकर 09 बजकर 15 मिनट तक.

बेहद दुर्लभ संयोग

इस साल शरद पूर्णिमा पर कई शुभ योग बन रहे हैं. बता दें कि 30 साल बाद शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहे चंद्र ग्रहण के साथ गजकेसरी योग का भी निर्माण हो रहा है.

साल का अंतिम चंद्रग्रहण

इस दिन 28 अक्टूबर को गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग और सिद्धि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है. इसके साथ ही इस दिन साल का अंतिम चंद्रग्रहण भी लगने जा रहा है. भारत में भी यह चंद्रग्रहण दिखाई देगा. ऐसे में इसका सूतक काल मान्य होगा.

Disclaimer

यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

VIEW ALL

Read Next Story