पूजा के लिए स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें.
पूजा घर को साफ करें और माता रानी की प्रतिमा या चित्र साफ करें.
हवन कुंड को धोकर साफ करें और अच्छे से धो लें, अब माता की चौकी सजाएं.
माता को धूप, दीप व भोग के रूप में मिष्ठान अर्पित करें. पूजा का वातवरण शांत और स्थान साफ-सुथरा होना चाहिए.
हवन कुंड में लकड़ियां सजाएं, आम की लड़कियों का इस्तेमाल करें.
लकड़ियों के बीच में कुछ कपूर और सही मात्रा में घी डालें और फिर हवन सामग्री में भी थोड़ा घी मिलाएं.
सही मंत्रों के उच्चारण के साथ हवन कुंड में आहुति दें, अंत में नारियल पर लाल कपड़ा लपेटें और कलावा बांधें.
नारियल को हवन कुंड में मंत्रों के उच्चारण के साथ अर्पित करें. हवन कुंड में पूड़ी, खीर, पान के साथ ही सुपारी भी अर्पित करें.
अब बची हुई हवन को यज्ञ में अर्पित करे और हवन की थाली में अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा दें.
मां दुर्गा और मां महागौरी की पूरे मन से आरती करें. यज्ञ स्थल पर खड़े होकर भूल चूक के लिए माता रानी से क्षमा मां करें और पूजा को स्वीकारने का अनुरोध करें.