Ramcharitmanas: राम नवमी पर रामचरितमानस की इन चौपाइयां का करें पाठ, मनोकामनाएं होंगी पूरी
रामचरितमानस की वो चौपाइयां, जो आपकी मनोकामना कर सकती हैं पूरी
रामचरितमानस में भगवान श्री राम के जीवन का चित्रण किया गया है. इसके जीवन जीने का तरीका भी बताया गया है.
रामचरितमानस की रचना महान रचनाकार तुलसीदास ने 16वीं शताब्दी में की थी. इस ग्रंथ में 27 श्लोक, 1074 दोहे और 4608 चोपाइयां हैं.
नाथ दैव कर कवन भरोसा. सोषिअ सिंधु करिअ मन रोसा.. कादर मन कहुं एक अधारा. दैव दैव आलसी पुकारा.
बोले बिहसि महेस तब ग्यानी मूढ़ न कोइ जेहि जस रघुपति करहिं जब सो तस तेहि छन होइ
काम, क्रोध, मद, लोभ, सब, नाथ नरक के पंथ. सब परिहरि रघुबीरहि, भजहुँ भजहिं जेहि संत..
जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं. सुख सम्पत्ति नानाविधि पावहिं.
गई बहारे गरीब नेवाजू. सरल सबल साहिब रघुराजू..
भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहि जे नर अरू नारि. तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहि त्रिसरारी..
आगें कह मृदु बचन बनाई. पाछें अनहित मन कुटिलाई. जाकर चित अहि गति सम भाई. अस कुमित्र परिहरेहिं भलाई.