नाम है सर सैयद अहमद खान... उन्हें आज भी याद किया जाता है. शिक्षा के लिए उन्होंने बहुत से कदम उठाए. 17 अक्टूबर को उनकी 207वीं जयंती है.
भारत में अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है. इसकी स्थापना समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान ने 1875 में की थी, जिसे मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज कहा गया.
इसके बाद 1920 में 9 सितबंर के दिन इसे केंद्रिय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश राज के समय बनाया गया पहला उच्च शिक्षण संस्थान है.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सैयद अहमद खान का जन्म 17 अक्टूबर को हुआ था. इस दिन को सर सैयद अहमद डे रूप में भी मनाया जाता है.
सर सैयद अहमद खान ग़ाज़ीपुर में 1862 से 1864 तक जिला जज के रूप में कार्यरत रहे थे.
सर सैयद ने गाजीपुर में अपनी नौकरी के दौरान विक्टोरिया स्कूल की स्थापना की जिसमें अंग्रेजी, फारसी, उर्दू आदि की पढ़ाई होती थी.
सर सैयद ने गाजीपुर में रहते हुए बालिका शिक्षा और मुस्लिम समुदाय को आधुनिक शिक्षा दिलाने के लिए इंडियन साइंटिफिक सोसाइटी की स्थापना की थी.
सर सैयद अहमद खान पहले व्यक्ति थे, जिनकी किताब को लेकर ब्रिटिश पार्लियामेंट में डिबेट हुई थी.
एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान ने पत्रकारिता भी की थी. उन्होंने वर्ष 1866 में अंग्रेजी अखबार द अलीगढ़ इंस्टीट्यूट और उर्दू में तहजीबुल अखलाक निकाला.
सर सैयद अहमद खान ने अंग्रेजों की गुलामी के समय मुस्लिमों में शिक्षा का अलख जगाने की मुहिम चलाई. 27 मार्च, 1898 में सर सैयद ने आखरी सांस ली.