जेवर में निर्मित हो रहे एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आने वाले अक्टूबर से हवाई जहाज उड़ान भरने लगेंगे.
दिल्ली हवाई अड्डे व गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस के बाद यह एनसीआर में स्थित तीसरा सबसे अहम विमानन केंद्र होगा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए 6 सड़कों का एक जाल होगा और एक तेजज रेल-सह-मेट्रो प्रणाली भी होगी. इसके अलावा पॉड टैक्सी की सुविधा भी होगी.
सफर आसान हो इसके लिए 31 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे भी बन रहा है. इसे ऐसे डिजाइन किया जा रहा है कि बल्लभगढ़ में हवाई अड्डे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जुड़ जाए.
YEIDA के सीईओ अरुण वीर सिंह के मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भी सुचारू आवाजाही एक्सप्रेसवे से एयरपोर्ट तक तय हो इसके लिए चौबीसों घंटे कार्य किया जा रहा है.
आठ लेन वाली सड़क जोकि 750 मीटर तक फैली है इसका भी निर्माण किया जा रहा है. इसमें पहली चार लेन को 15 जून और बाकी को 15 अगस्त तक खोले जाने की उम्मीद है.
तीन और एयरपोर्ट कनेक्शन की परियोजनाओं में से एक हवाई अड्डे के उत्तर व पूर्व में 8.2 किलोमीटर की रोड है, जिसके लिए 63 करोड़ रुपये की लागत तय है. ये परियोजनाओं पाइपलाइन में है जो एनएचएआई द्वारा संचालित हैं.
सुचारू संचालन के लिए वीआईपी सड़क पर काम किया जा रहा है. जो यमुना एक्सप्रेसवे से लेकर नोएडा हवाई अड्डे तक सीधा रास्ता देगी. वीआईपी और इमरजेंसी में सेवाएं ली जाएंगी.
वहीं, रैपिड रेल-सह-मेट्रो रेल के लिए एक परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पेश की गयी है. इन परियोजनाओं को सरकार धरातल पर उतारने पर काम कर रही है.
पॉड टैक्सियों व मोनोरेल पर भी विचार किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट पर भी दो साल के अंदर काम शुरू किए जाने की उम्मीद की जा रही है.