यूपी की 10 राज्यसभा सीटों के नतीजे आ चुके हैं. सपा विधायकों की क्रॉस वोटिंग के चलते बीजेपी अपने सभी 8 उम्मीदवारों को जिताने में कामयाब रही.
बगावत करने वालों में सपा विधायक अभय सिंह का नाम भी शामिल है. आइए देखते हैं उनका सियासी सफर कैसा रहा है.
अभय सिंह ने पहला चुनाव अपना दल के टिकट पर बीकापुर से लड़ा था लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा.
अभय सिंह अयोध्या की गोसाईंगंज विधानसभा सीट से सपा के सिंबल पर 2022 में चुनाव जीते थे. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी आरती तिवारी को करीबी मुकाबले में शिकस्त दी थी.
इससे पहले वह 2012 में भी गोसाईंगंज से विधायक रह चुके हैं, तब उन्होंने बसपा प्रत्याशी रहे इंद्रप्रताप तिवारी खब्बू को परास्त किया था. हालांकि 2017 में उनको हार का सामना करना पड़ा.
अभय सिंह की छवि दबंग और बाहुबली नेता के तौर पर होती है. उनका नाम बाहुबली मुख्तार अंसारी का करीबियों में शुमार रहा है.
अभय सिंह का नाम चर्चित कृष्णानंद राय मर्डर केस और 2007 से 2012 के बीच बीएसपी सरकार में सीएमओ विनोद आर्या हत्याकांड तक में सामने आया.
अभय सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से बाहर निकले. इससे बाद वह सूबे की राजनीति में 'माननीय' बने.
अभय सिंह और धनंजय सिंह के समय दोस्त हुआ करते थे. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि धनंजय ने उनके साथ विश्वासघात किया था. इसमें एक मर्डर केस वजह बताई जाती है. इसके बाद दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए.
सपा विधायक अभय सिंह ने दावा किया था कि मार्च 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान उनको जान से मारने की सुपारी दी गई थी. अभय सिंह ने कुछ तस्वीरें भी जारी की थीं. उनका दावा है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गे उनके पीछे पड़े हुए थे.