महान लेखक

स्वामी दयानंद सरस्वती (Swami Dayananda Saraswati) एक महान समाज सुधारक, देशभक्त और एक महान लेखक भी थे.

Mar 04, 2024

12 फरवरी 1824

इनका जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात के काठियावाड़ जिले के टंकारा गांव में एक ब्राह्मण परिवार के घर हुआ था.

संसार का संपूर्ण ज्ञान वेदों में

स्वामी दयानंद सरस्वती का मानना था कि संसार का संपूर्ण ज्ञान वेदों में समाहित है. आज हम स्वामी दयानंद सरस्वती के 10 महान विचारों को आपके साथ शेयर कर रहे है.

1.

जीभ से वही निकलना चाहिए जो अपने हृदय में है.

2.

आत्मा एक है, लेकिन उसके अस्तित्व अनेक हैं.

3.

उपकार बुराइयों को दूर करता है, सदाचार की आदत को प्रारंभ करता है, समाज कल्याण और सभ्यता को संपादित करता है.

4.

पूरी तरह से अंधविश्वासी होने के बजाय वर्तमान जीवन में कर्म को महत्व दें.

5.

मनुष्य को दिया गया सबसे बड़ा संगीत वाद्य, उसकी आवाज है.

6.

ईश्वर का न तो रूप है और न ही रंग, वह दिव्य और अपार है. दुनिया में जो कुछ भी दिखाई दे रहा है वह उसकी महानता का वर्णन करता है.

7.

अज्ञानी होना गलत नहीं है, अज्ञानी बने रहना गलत है.

8.

नुकसान से निपटने में सबसे जरूरी चीज है, उससे मिलने वाली सीख को कभी ना भूलना. यह चीज आपको सही मायने में विजेता बनाएगी.

9.

दुनिया को आप अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिए, आपके पास भी सर्वश्रेष्ठ ही लौट कर आएगा.

10.

सेवा का उच्चतम रूप एक ऐसे व्यक्ति की मदद करना है, जो बदले में धन्यवाद देने में असमर्थ है.

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