शिवजी की नगरी के हैं अनेक नाम

Padma Shree Shubham
May 14, 2024

वाराणसी की बात करें तो इसे कोई बनारस तो कोई काशी के नाम से बुलाता है. ज्यादा लोगों में बनारस प्रचलन में हैं तो वहीं शास्त्रों में इसे काशी के नाम से जाना जाता है. वाराणसी के सबसे पुराने नामों में काशी शामिल है. शहर का ये नाम करीब 3000 साल पुराना है. धार्मिक ग्रंथों में भी इस नगर को काशी कहा गया है.

काशी को कई बार काशिका के तौर भी जाना जाता है. जिसका अर्थ है चमकता हुआ. शिवजी की नगरी होने के कारण यह नगरी हमेशा चमकती रहती है. काशी यानी उज्वल या दैदिप्यमान.

कई रिपोर्टों के मुताबिक ऋग्वेद में भी काशी का जिक्र है. इसके अलावा स्कन्दमहापुराण में काशीखंड कहा गया जिसमें इस नगर का उल्लेख है. पुराणों के अनुसार यह एक आद्य वैष्णव का स्थान है.

वाराणसी का सबसे जानामाना नाम बनारस है जिसे मुगल और अंग्रेजों के शासनकाल में अधिक इस्तेमाल किया गया. महाभारत में इसका कई कई बार जिक्र किया गया है.

दरअसल, इसका पाली भाषा में बनारसी नाम था जो आगे चलकर बनारस बन गया. वहीं बनारस नाम का संबंध यहां के बनार नामक राजा से जोड़कर भी देखा जाता है. मोहम्मद गोरी के हमले में जो मारे गए थे.

वाराणसी इस नगर का प्राचीन नाम है जिसके बारे में बौद्ध जातक कथाओं के साथ ही हिंदू पुराणों में की जाती है. बनारस का नया नाम आज वाराणसी ही है जोकि कि नगर से गुजरने वाली दो नदियों वरुणा व असि के नाम पर पड़ा है.

इस नगर के कई और नाम बताए गए है. जैसे- अविमुक्त क्षेत्र, आनन्दकानन, महाश्मशान, शिवपुरी, त्रिपुरारिराजनगरी, विश्वनाथनगरी, दीपों का शहर, ज्ञान नगरी, शंकरपुरी, जित्वारी, आनंदरूपा, श्रीनगरी. महापुरी, तप:स्थली, धर्मक्षेत्र, विष्णुपुरी और भी कई नाम.

Disclaimer

यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और माध्यमों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को मानने से पहले अपने विशेषज्ञ की सलाह ले लें.

VIEW ALL

Read Next Story