आगरा में मौजूद इस बाजार में हर तरह के कपड़े के साथ घर का सामान अच्छी गुणवत्ता के साथ मिलता है.
इस बाजार में कॉटन, रेशमी, डिजाइनर, फेन्सी, विदेशी फैशन के साथ सबकी पसंद का कपड़ा यहां आसानी से मिल सकता है.
आगरा की राजा की मंडी मुगल काल से अपने कपड़े और घरेलू सामान के लिए प्रसिध्द रही है. इसका नाम राजा राम व्यास के नाम पर राजा की मंडी पड़ा था.
शादी हो या कोई त्योहार, राजा मंडी में महिलाओं की जरूरत का सब सामान सस्ती दरों पर मिलता है. इसी वजह से यह बाजार सदियों से अपनी खासियत को बरकरार रखे हुए है.
बदलते वक्त के साथ राजा मंडी बाजार ने अपने आप को ढाला है. जब भी जैसा ट्रेंड चला है इस बाजार ने खुद उसी के अनुरूप बदला है. यहां तक की ऑन लाइन का असर भी इस मार्केट पर नहीं पड़ा है.
इस जगह पहले मुगल बादशाह अकबर के वजीर रहे राजा टोडरमल की हवेली थी. ब्रिटिश काल में यह मंडी राजा टोडरमल के नाम पर थी परंतु बाद में सिर्फ राजा की मंडी के नाम से प्रसिद्ध हो गई.
मुगल काल में भी राजा की मंडी में कपड़े का व्यापार और रंगाई का काम होता था. यहां की एक गली को तो आज भी गली रंग रेजान कहते हैं.
ब्रिटिश काल में यहां इस बाजार के होने के ही कारण 1904 में एक रेलवे स्टेशन बना था. जो राजा की मंडी नाम से आज भी मौजूद है.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.