एक गांव जहां बारूद ही बारूद

दत्तनगर गांव

बागपत में बालैनी थाना इलाके का दत्तनगर गांव बारूद के ढेर पर बसा है. दरअसल, पिछले सालों में दत्तनगर पटाखा निर्माण व खुलेआम बिक्री का एक बड़ा केंद्र रहा है.

अवैध

दत्तनगर गांव में पिछले कई सालों से पटाखे अवैध रूप से बनाए जा रहे हैं और दिवाली से पहले को यहां अधिकांश घरों में पटाखा निर्माण शुरू हो जाता है. घर के कोने पटाखों से भर जाते हैं.

दीपावली

मोटा मुनाफा कमाने की चाह में दीपावली नजदीक आते ही पटाखों के निर्माण को तेज कर दिया जाता है.

खुले मैदान में आबादी

हर साल यह तय कर लिया जाता है कि पटाखे खुले मैदान में आबादी से बाहर बेचे जाएंगे पर असल में ऐसा नहीं होता है बल्कि आबादी के बीच ही घर घर में पटाखे बनकर स्टॉक में रखा जाता है.

हरियाणा-दिल्ली

दिवाली के पास आते ही यहां पर आसपास के जिलों व हरियाणा-दिल्ली से पटाखे खरीदने के लिए दुकानदार गांव में पहुंचने लगते हैं.

देहात से पटाखे खरीदे जाते हैं

देहात से पटाखे खरीदे जाते हैं और फिर अपने हिसाब से दाम लगाकर शहर में बेचे जाते हैं.

दत्तनगर गांव में पटाखे

इसी तरह पास के शहरों जैसे मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर व गाजियाबाद तक से लोग दत्तनगर गांव में पटाखे खरीदने पहुंचते हैं.

दत्तनगर गांव

दत्तनगर गांव के ज्यादातक घरों में पटाखे बनाए जा रहे हैं पर अगर सुरक्षा की बात करें तो इसका कोई इंतजाम नहीं है.

व्यवस्था

बारूद या पटाखों में अगर किसी तरह आग लगी तो इसके लिए क्या करें, रेत और पानी तक की यहां व्यवस्था नहीं दिखाई पड़ती है.

Disclaimer

यह जानकारी सिर्फ अलग अलग स्त्रोतों से उठाई गई है, इसकी सतत्यता की पुष्टि हम नहीं करते हैं.

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