पके हुए पपीते का रस एक कप की मात्रा में भोजन के बाद सेवन करें.
आधा कप गाजर का रस गरम करके प्रतिदिन दोपहर के समय पिएं.
सेब का मुरब्बा चांदी का वर्क लगाकर खाएं.
आधे कप सेब के रस में चार कालीमिर्च का चूर्ण तथा एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें.
लाल इलायची के दानों को पीसकर चूर्ण बना लें. इसमें से चौथाई चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर खाएं.
टमाटर के रस में पीपल के पेड़ के तने की छाल का 4 ग्राम चूर्ण मिलाकर सेवन करें. टमाटर के रस की मात्रा आधा कप होनी चाहिए.
पानी में आधा नीबू निचोड़ें तथा उसमें दो चुटकी खाने वाला सोडा डालें. इस नीबू-पानी को पीने से दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है.
आधा चम्मच अजवायन तथा एक चुटकी सेंधा नमक – दोनों को पीसकर गुनगुने पानी के साथ खाएं. यह चूर्ण दिल की तेज धड़कन को सामान्य बना देता है. यह एक बेहतरीन नुस्खा माना जाता है.
अदरक का रस एक चम्मच, तुलसी के पत्तों का रस चौथाई चम्मच, लहसुन का रस दो बूंद तथा सेंधा नमक एक चुटकी – सबको अच्छी तरह मिलाकर उंगली से चाटें. चाटते समय इस बात का ध्यान रखें कि पेट में लार अधिक मात्रा में जाए.
कंधारी अनार का रस कालीमिर्च के चूर्ण तथा सेंधा नमक मिलाकर लेने से दिल की धड़कन स्वाभाविक हो जाती है.
राई पीसकर छाती पर मलने से भी दिल को काफी आराम मिलता है.
सादा तथा सुपाच्य भोजन भूख से कम खाएं. साथ में अधिक चिकने पदार्थ न लें क्योंकि चिकनी चीजें शरीर को बल देने साथ-साथ रक्त को गाढ़ा करती हैं जो दिल धड़कने वाले रोगी के लिए हानिकारक है. मौसमी फल तथा मौसमी हरी सब्जियां अधिक मात्रा में सेवन करें.
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