यूपी का बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पूरी तरह से सोलर पावर पर निर्भर होने वाला है.
यह एक्सप्रेसवे राज्य का पहला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा, इसके किनारे सोलर पैनल लगाए जाएंगे.
सोलर पैनल की मदद से इलेक्ट्रिक वाहन बिना रुके रफ्तार भर सकेंगी.
साथ ही आस-पास के घरों को बिजली और यात्रियों के लिए लाइटिंग की व्यवस्था भी प्रदान करेगा.
इसके लिए करीब 14,850 करोड़ रुपये की लागत से 296 किमी लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जा रहा है.
यह एक्सप्रेसवे 7 जिलों से गुजरेगा. यह चित्रकूट के भरतकूप के पास गोंडा गांव में NH-35 से लेकर इटावा के कुदरैल गांव के पास तक फैला है.
इस एक्सप्रेसवे को सोलर पावर एक्सप्रेसवे में बदलने के लिए सरकार ने 1,700 हेक्टेयर भूमि चिंहित कर ली है.
इससे सालाना 50 करोड़ रुपये तक का फायदा हो सकता है. अगर यह योजना सफल होती है तो इसे और एक्सप्रेसवे में भी लागू किया जाएगा.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.