PM Narendra Modi

नरेन्द्र मोदी के जीवन के इन तथ्यों को नहीं जानते होंगे आप, इन कारणों से बने दुनिया के सबसे बड़े नेता

Sandeep Bhardwaj
Jul 23, 2023

कौन हैं मोदी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज भारत का ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा नेता माना जा रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर किन आदतों की वजह से वो सबसे अलग हैं. क्यों आज उनको दुनिया का सबसे बड़ा नेता कहा जा रहा है. आइए हम उनके जीवन के कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में बताते हैं जिनसे शायद आप अपरिचित हों.

प्रधानमंत्री

नरेंद्र मोदी पिछले 9 सालों से देश के प्रधानमंत्री हैं.उनके कार्यकाल में कई ऐसा काम हुए जिनकी किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी. अपने फैसलों से हमेशा लोगों को चौंकाने वाले नरेंद्र मोदी को आज दुनिया का सबसे बड़ा नेता माना जाता है.

परिचय

जन्म 17 सितंबर 1950. माँ का नाम हीरा बेन. चार भाई और बहन हैं. पत्नी का नाम जसोदा बेन है, शादी के तुरंत बाद दोनों अलग हो गए थे.

रहन-सहन

हमेशा स्वच्छ, इस्तरी किए हुए शिकन मुक्त कपड़े पहनना. उस समय यह पीतल के लोटे में गरम पानी भरकर शर्ट पर इस्तरी करते थे. वह अपनी वस्त्र सज्जा पर ध्यान देते हैं. इन्हें कलाई घड़ियों और सैंडिलों का शौक है.

सेहत

वजन लगभग 84 किलो. रीढ़ की हड्डी के ऊपरी हिस्से में समस्या होने के कारण कई बार इन्हें पीठ दर्द होता है. लंबे समय तक खड़े रहने के कारण पैरों में सूजन आ जाती है. इनके परेशानियों के अलावा इन्हें स्वास्थ्य संबंधी और कोई गंभीर समस्या नहीं है.

जनता के लिए हमेशा तैयार

जनता के काम के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं. इनके परेशानियों के अलावा इन्हें स्वास्थ्य संबंधी और कोई गंभीर समस्या नहीं है.

काम करने का तरीका कार्यशैली

मोदी वर्कहॉलिक हैं. वह केवल 5 घंटे सोते हैं, कभी-कभी उससे भी कम. सुबह 7 बजे या उससे भी पहले वह गुजरात के लोगों के लिए ऑन लाइन हो जाते थे, आज वह पूरे भारत के लिए सुबह 7 बजे से ऑन लाइन रहते हैं. वह सुबह जल्दी ऑफिस जाते हैं और आवश्यकता होने पर रात्रि 10 बजे तक कार्य करते हैं.

धार्मिक

वह हर साल नवरात्र के दौरान पूरे 9 दिन उपवास रखते हैं. इस समय वह एक दिन में केवल एक फल खाते हैं. वह नवरात्र पर विशेष भोजन से परहेज करते हैं, जिसे पारंपरिक रूप से दिन में एक बार किया जाता है. वह देवी अंबा की भक्ति के लिए उपवास करते हैं.

RSS के कार्यकर्ता

बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ जुड़ गए थे. इन्होंने बाल स्वयं-सेवक के रूप में 8 साल की उम्र में आर.एस.एस. से निष्ठा की शपथ ली. बड़े होने पर इन्होंने आपात काल के समय कई बार भूमिगत होकर कार्य किया.

RSS के कार्यकर्ता

1985 में आरक्षण विरोधी आंदोलन के समय संघ ने भाजपा के विभिन्न पदों पर अपने प्रचारकों की भर्ती की. 1987 में इन्हें गुजरात भाजपा का संगठन मंत्री बनाया गया.

VIEW ALL

Read Next Story