प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने शुक्रवार को 8 राष्ट्रीय हाईस्पीड एक्सेस कंट्रोल (प्रवेश नियंत्रित) कॉरिडोर परियोजनाओं के विकास को मंजूरी दे दी.
इसमें यूपी के तीन हाईस्पीड रोड कॉरिडोर हैं. इसमें आगरा-ग्वालियर (छह लेन), कानपुर रिंग रोड कॉरिडोर (छह लेन) और अयोध्या रिंग रोड कॉरिडोर (चार लेन) शामिल हैं.
इस सौगात से कनेक्टिविटी के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को भी गति मिलेगी.
नेशनल हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर बनने से अर्थव्यवस्था बढ़ने के साथ ही रोजगार में भी इजाफा होगा.
इस हाई स्पीड कॉरिडोर के पूरा होने के बाद आगरा से ग्वालियर के बीच अब से आधे समय में सफर पूरा होगा.
88 किलोमीटर की इस 6 लेन हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 4,613 करोड़ की अनुमति दी है.
रिंग रोड शहर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों, जैसे एनएच 27 (ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर), NH 227 ए, NH 227 बी के भीड़ को कम करेगा.
इस रिंग रोड के बनने से राम मंदिर दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों को आने जाने में परेशानी नहीं होगी. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
कानपुर रिंग रोड 47 किलोमीटर 6-लेन रिंग रोड को विकसित करने में कुल 3,298 करोड़ रुपए लगेंगे. यह खंड कानपुर के चारों ओर 6-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग रिंग को पूरा करेगा.
इसके बनने से उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच माल ढुलाई के लिए लॉजिस्टिक जैसी सुविधाएं बढ़ेगी