सिविल सेवा परीक्षा 2022 (यूपीएससी) के नतीजों की घोषणा 23 मई को की जा चुकी है. यूपी की इशिता किशोर टॉपर बनी हैं.
यूपीएससी में कई ऐसे युवाओं ने आर्थिक, शारीरिक समस्याओं को पीछे छोड़ते हुए सफलता हासिल की है.
यह उन छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणा का काम करेगी जो इनको सक्सेस में बाधा मानते हैं. आइए जानते हैं यूपीएससी क्रैक करने वाले इन युवाओं के बारे में.
बिजनौर के ग्राम सैदपुर के रहने वाले मुक्तेंदर ने यूपीएससी परीक्षा में 819वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है, उनके पिता कोल्हू पर मजदूरी करने करते हैं.
मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के रहने वाले अक्षय वर्मा ने ऑनलाइन और सेल्फ स्टडी से 817वीं रैंक हासिल की है. अक्षय के पिता किसान हैं. उनकी सफलता पर पूरा गांव बेहद खुश है.
मैनपुरी के रहने वाले सूरज तिवारी ने हादसे में दोनों पैर, एक हाथ और दूसरे हाथ की तीन उंगलियां खो दी. बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और पहले प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया है. उनके पिता दर्जी हैं.
कर्नाटक के रहने वाले एक बस ड्राइवर के बेट सिद्दालिंगप्पा ने यूपीपीएससी में 519वीं रैंक हासिल की है. उनकी मां को यह तक नहीं मालूम था कि बेटा यूपीएससी की परीक्षा दे रहा है.
यूपीएससी की परीक्षा में किसान के बेटे दीपक यादव ने भी परचम लहराया है. वह मूल रूप से गुरुग्राम के सिकंदरपुर गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने 495 रैंक हासिल की है.