भारत- नेपाल सीमा पर जल्द ही 83 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण होने जा रहा है.
सड़क निर्माण कार्य में 770 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वहीं नौ करोड़ रुपये भूमि खरीदने के लिए स्वीकृत हो गए है.
डीएम ने भूमि खरीदने के लिए रेट निर्धारण का आदेश परित कर दिया है. वहीं सर्वे का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक सड़क सात जिलों पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, बलरामपुर सिद्धार्थनगर और महाराजगंज सहित 594 किमी लम्बाई को जोड़ेगी.
भारत नेपाल सीमा से जुड़े गांव के लिए अच्छी खबर है. दरअसल गांव को 83 किलोमीटर सड़क मिलने जा रही है.
इस सड़क के बनने से सीमा निगरानी और वन क्षेत्रों में मजबूती आएगी. वहीं जनजाति के लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़कर भागीदार बन सकेंगे.
दरअसल, इस सड़क कार्य का निर्माण कार्य का एनओसी वन विभाग से न मिलने के कारण तीन साल पहले 7.4 किमी निर्माण कार्य के बाद रुक गया था.
इस सड़क से पहले सिद्वार्थनगर जिले से बलरामपुर सीमा तक 7.2 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है .इसमें एसएसबी की तीन चौकियां जुड़ी हैं.
दरअसल, तीन चरणों में सड़क का निर्माण होगा. पहले भाग में 35.200 किलोमीटर लंबी सड़क पर 329.80 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
दूसरे भाग में 37.355 किमी सड़क में 354.12 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वहीं तीसरे भाग में 10.5 किमी सड़क समेत कुल 83.050 किमी निर्माण पर 770.24 करोड़ रुपये खर्च होंगे.