साल 1909 में अपने चार साथियों के साथ मिलकर डॉक्टर डंकनडॉगल ने एक रिसर्च किया था.
इस एक्सपेरिमेंट में कुछ इंसानों का वजन लिया गया जो मृत्यु के एकदम करीब ही थे. यानी उनकी हालत ऐसी थी कि वो कुछ समय में मर सकते थे.
इसके बाद मृत्यु होने पर उन लोगों का वजन फिर से नोट किया गया. इसमें वैज्ञानिकों को एक हैरानी भरी बात जनने को मिली.
दरअसल,डंकनडॉगल जोकि इस एक्सपेरिमेंट के चीफ डॉक्टर थे उनके अनुसार छह मरीजों पर यह एक्सपेरिमेंट किया गया.
जिसमे से एक मरीज का वजन मृत्यु से पहले और उसके बाद बदल गया.
यह अंतर करीब 21 ग्राम का था. यानी मौत के बाद व्यक्ति के वजन में 21 ग्राम की कमी दर्ज हुई.
सबसे बड़ी बात ये कि इस तरह की कमी सभी शवों में दर्ज हुई पर सभी में वजन का अनुपात अलग अलग था.
हालांकि, आखिर में निष्कर्ष निकाला गया कि करीब 21 ग्राम आत्मा का वजन होता है.
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