बरेली से मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस तक रेल मंडल की पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलेगी. इसका रूट रेलवे तैयार कर रहा है.
इसकी घोषणा नई समय सारिणी में हो सकती है. अभी देश भर में वंदेभारत ट्रेनों सिर्फ चेयरकार का संचालन हो रहा है.
फैक्ट्रियों में बर्थ वाली वंदे भारत ट्रेनों के कोच तैयार हो रहे हैं. बुधवार को रेलमंत्री ने स्लीपर वंदे भारत चलाने की बात दोहराई.
इसका प्रस्तावित रूट बरेली-चंदौसी-अलीगढ़-आगरा-ग्वाालियर-झांसी-बीना-भोपाल-इटारसी-खंडवा-जलगांव-मनमद-मुंबई तय किया गया है.
इस रूट पर फिलहाल एक एक्सप्रेस ट्रेन चलती है. अन्य ट्रेनों का समय प्रभावित किए बिना वंदेभारत चलाने की योजना है.
समय और अन्य कारणों को देखते हुए रूट बदला जा सकता है. बरेली से मुंबई की यह दूरी लगभग 1600 किलोमीटर है.
माना जा रहा है कि लगभग 1600 किलोमीटर की दूरी में चलने वाली यह देश की पहली वंदे भारत ट्रेन हो सकती है.
कुछ अन्य मंडल भी अपने यहां से लंबी दूरी की स्लीपर वंदेभारत ट्रेनों के संचालन की योजना बना रहे हैं.
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 213 किमी के हिस्से में सिर्फ सुंरगें हैं. इनमें से 171 किमी तक सुरंगें बना ली गई हैं. इसमें भी 155 किमी हिस्सा मुरादाबाद मंडल का है.
सबसे लंबी 15 किमी की सुरंग भी मुरादाबाद मंडल के पास है. रेल मंत्री ने कहा कि 2026 के अंत तक लोग ट्रेन से चार धाम की यात्रा कर सकेंगे.
रेल मंत्री के मुताबिक, इस मार्ग पर शीशे की छत वाले विस्टाडोम कोच की ट्रेन चलाई जाएगी. यात्री पर्वतीय नजारों का लुत्फ ले सकेंगे.
देश के 24 राज्यों से अभी 35 वंदेभारत ट्रेनें चल रही हैं, जो 100 रेल रूटों से गुजरते हुए 284 जिलों में जाती हैं.इसमें पांच उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर औऱ वाराणसी जैसे विभिन्न शहरों से गुजरती हैं.
रेलवे ने 100 से ज्यादा वंदे भारत मेट्रो चलाने का ऐलान किया है, जो 100 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. 100 से 250 किमी के बीच शहरों के बीच ये ट्रेनें चलेंगी.