जिन बेजुबानों को कहीं आश्रय नहीं मिलता, उन्हें वाराणसी की रमैया फैमिली में घर और प्यार मिलता है.
इस रमैया फैमिली को वाराणसी की रहने वाली स्वाति बालानी ने बनाया है.
स्वाति मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर चुकी हैं. बेजुबान जानवरों के लिए उनका प्यार मां से कम नहीं है.
वाराणसी में स्वाति बलानी को लोग मोगली वुमन के नाम से जानते हैं.
स्वाति का घर मिनी जू से कम नहीं है. यहां 30 कुत्ते, 25 बिल्लियों समेत करीब 100 पक्षी रहते हैं.
खास बात यह है कि स्वाति के घर में कोई भी जानवर पिंजरे में नहीं रहता है.
स्वाति ने बताया कि वह एयर होस्टेस रह चुकी हैं. 2011 में वह पचास हजार रुपये महीना वेतन पर मुंबई में नौकरी कर चुकी हैं.
साल 2013 में बेजुबानों की सेवा करने के लिए स्वाति नौकरी छोड़कर वापस वाराणसी आ गईं.
स्वाति बलानी ने बेजुबान जानवरों की देखरेख करने के लिए अभी तक शादी नहीं कि.
स्वाति का कहना है कि अगर मैं ससुराल चली जाऊंगी तो इनका ख्याल कौन रखेगा.