बाथरूम बनाते समय उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा को प्राथमिकता दें. यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने में सहायक होती है. अगर बाथरूम दक्षिण दिशा में बना हो, तो दोष को कम करने के लिए बाथरूम में हरे पौधे रखें.
बाथरूम में सूरज की रोशनी आना आवश्यक है, इसलिए खिड़की जरूर बनवाएं. खिड़की को नियमित रूप से खोलकर रखें ताकि ताजी हवा का प्रवाह हो सके, लेकिन इसे नहाने के समय बंद रखें.
बाथरूम का दरवाजा खुला रहना वास्तु दोष का बड़ा कारण बनता है. इसे हमेशा बंद रखने की आदत डालें ताकि नकारात्मक ऊर्जा बाहर न फैले.
बाथरूम में लगे नल से पानी टपकता रहना धन हानि का संकेत देता है. सुनिश्चित करें कि सभी नल सही स्थिति में हों और पानी व्यर्थ न बहे.
अगर बाथरूम गलत दिशा में बना है और स्थान बदलना संभव नहीं है, तो वास्तु दोष कम करने के लिए विशेष वास्तु उपाय अपनाएं, जैसे कि शुभ वस्तुएं या पौधे.
बाथरूम में सफाई बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है. गंदगी और दुर्गंध नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं, जो घर की समृद्धि पर प्रभाव डाल सकते हैं.
बाथरूम में हल्के रंगों का उपयोग करें, जैसे कि सफेद, क्रीम या हल्का नीला. ये रंग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और मानसिक शांति प्रदान करते हैं.
बाथरूम में एग्जॉस्ट फैन या वेंटिलेशन की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए. यह नमी और खराब हवा को बाहर निकालकर वातावरण को संतुलित करता है.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.