हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में हर छोटी सी छोटी चीजों के महत्व के बारे में बताया गया है. रसोई में रोजमर्रा की चीजों में भी नियमों के बारे में विस्तार से बताया है. इसमें रोज इस्तेमाल होने वाले चकला बेलन भी शामिल है.
हर घर में चकला बेलन का इस्तेमाल रोटी बनाने के लिए किया जाता है. इसका सही से इस्तेमाल करना भी इंसान की किस्मत पर भी असर डालता है. चकला बेलन का आकार,स्थिति और इसका इस्तेमाल करना भी इसी में शामिल है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार चकला बेलन खरीदने से लेकर रखने तक की बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है. जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. आइए इस लेख में जानते हैं क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
चकला बेलन का संबंध मां अन्नपूर्णा से भी माना जाता है. इन्हें मां लक्ष्मी का दूसरा रूप माना जाता है. चकला बेलन का संबंध सभी ग्रहों से भी माना जता है. आप गलत तरीके से चकला बेलन का इस्तेमाल करती हैं तो ये बड़े वास्तु दोष को न्योता देता है.
अगर आप लकड़ी का चकला बेलन प्रयोग करते हैं. तो ये बहुत शुभ माना जाता है. चकला बेलन पंचक, मंगलवार और शनिवार के दिन नहीं खरीदना चाहिए.
कुछ महिलाएं रोटी बनाने के बाद चकला बेलन बिना धोएं रख देती हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार रात में सोने से पहले चकला बेलन और तवा जरूर धोकर ऱखना चाहिए. ऐसा करने से परिवार की सेहत अच्छी बनी रहती है.
चकला बेलन कभी भी काले रंग का नहीं होना चाहिए.काला रंग शनिदेव का माना जाता है और इससे कुंडली में शनिदोष (शनिदोष उपाय) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
इसलिए अगर आप चकला बेलन सफेद या फिर Cream कलर का खरीदें. ऐसा कहा जाता है कि ये रंग मां अन्नपूर्णा को प्रिय है. इससे घर परिवार में आपसी रिश्तों में मजबूती आती है.
अगर आप रोटी बना रहे हैं, तो इस ध्यान रखें कि चकला-बेलन से आवाज से आए. इससे मां लक्ष्मी नाराज हो सकती है और धनहानि हो सकती है.
यह सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. Zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.