कई बार जीवन में ऐसी परेशानियां आने लगती हैं जिनसे निकलना मुश्किल हो जाता है. इन मुश्किलों का कारण घर में होने वाला वास्तु दोष भी हो सकता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रखी हुई एक-एक चीज व्यक्ति के जीवन पर खास प्रभाव डालती हैं. इन्हीं चीजों में से एक है नेम प्लेट. गलत दिशा में लगी हुई नेम प्लेट मान सम्मान कम कर सकती है. घर में इसे लगाने से पहले कुछ नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए.
नेम प्लेट ना सिर्फ आपके घर की पहचान होती है, बल्कि वास्तु शास्त्र में माना जाता है कि यह पॉजिटिव एनर्जी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर सकती है. आइए जानते हैं कि घर के मुख्य द्वार पर नाम प्लेट लगाते समय किन बातों का ध्यान रखें.
वास्तु शास्त्र के अनुसार सबसे अच्छी नेमप्लेट आयताकार मानी जाती है.नेमप्लेट सदैव दो लाइनों में लिखी हुई होनी चाहिए. इसे प्रवेश द्वार के दाएं तरफ लगाना अच्छा होता है.
नेम प्लेट लगवाते समय इस बात का भी ख्याल रखें कि शब्दों की बनावट साफ अक्षरों में अंकित हो. नेम प्लेट बहुत ज्यादा भरी हुई ना दिखे और ना ही बहुत ज्यादा खाली दिखे.
यदि आप अपने घर के मुख्य द्वार की दीवार या दरवाजे पर नेमप्लेट को लगा रहे हैं तो यह दरवाजे की आधी ऊंचाई के ऊपर हो या फिर दीवार की आधी ऊंचाई के ऊपर लगी हुई हो
नेम प्लेट लगाते समय यह ध्यान रखें कि यह हमेशा साफ-सुथरी और सही आकार में ही हो. यह ध्यान रखें कि यह कहीं ते टूटी-फूटी, गीली ना हो साथ ही नेम प्लेट में कहीं पर छेद भी नहीं होना चाहिए.
नेम प्लेट का रंग भी बहुत मायने रखता है. नेम प्लेट का रंग घर की मुखिया की राशि के अनुसार ही होना चाहिए. नेम प्लेट पर पानी और भगवान गणेश की आकृति बना सकते हैं या फिर स्वास्तिक का चिन्ह भी बनवा सकते हैं.
यदि आपके घर में लगी हुई नेमप्लेट टूट गई है या फिर उसकी पॉलिश उतर गई है. तो इसे तुरंत बदल देना ही उचित होगा. नेम प्लेट के ऊपर रोशनी के लिए एक छोटा सा बल्ब लगा सकते हैं.
हमेशा तांबा, स्टील या पीतल जैसी धातु से बनी नेम प्लेट लगाएं. आप लकड़ी और पत्थर के बने नेम प्लेट का भी प्रयोग कर सकते हैं.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.