वट सावित्री की कथा में बताया गया है कि एक स्त्री कठिन समय पड़ने पर अपनी बुद्धिमानी और धैर्य से यमराज को भी हरा सकती है.
सावित्री ने अपनी बुद्धि और चतुरता से ना केवल यमराज के हाथों से अपने पति के प्राण बचा लिए थे बल्कि उनसे 100 पुत्रों की मां होने का वरदान भी प्राप्त किया था.
सावित्री अत्यंत विदुषी थी और उसकी मेधा को देखते हुए उसके पिता मद्र देश के राजा अश्वपति ने उसे अपनी इच्छा से विवाह करने की स्वीकृति दी थी.
सावित्री ने काफी खोजबीन के बाद सत्यवान को अपने लिए उचित वर पाया और अपने पिता राजा अश्वपति को उसके बारे में बताया.
वहीं मौजूद देवर्षि नारद ने सावित्री की बात सुनकर बताया कि जिसे उसने अपना वर चुना है उसकी आयु एक वर्ष ही शेष बची है. उसे सत्यवान से विवाह नहीं करना चाहिये.
नारद जी के वचन सुनकर भी सावित्री बोलीं- ‘भारतीय नारी जीवन में केवल एक बार ही अपना पति चुनती है, इसलिए मैं सत्यवान से ही विवाह करूंगी’
सत्यवान के पिता अपने राज्य से बेघर होकर वन में रह रहे थे इसलिए सावित्री को विवाह के पश्चात राजसी ठाठ-बाठ छोड़कर सत्यवान के साथ वन में ही रहना पड़ा.
समय बीतने के साथ सत्यवान की मृ्त्यु का समय करीब आ रहा था इसलिए सावित्री साया बनकर सत्यवान के साथ रहने लगी.
एक दिन सत्यवान पेड़ से लकड़ी काटते वक्त नीचे गिरे और अचेत हो गए. सावित्री समझ गई कि सत्यवान की मृत्यु आ चुकी है.
विलाप करती सावित्री ने देखा कि यमराज सत्यवान के प्राण लेकर दक्षिण दिशा की तरफ जा रहे हैं तो सावित्री भी यमराज का पीछा करने लगी.
यमराज ने सावित्री को अपने पीछे आते देख कहा कि तेरे पति की आयु पूरी हो चुकी है तू लौट जा, जीवित लोग यमलोक में प्रवेश नहीं कर सकते हैं.
यमराज की बात सुनकर सावित्री ने उत्तर दिया, ‘मैं अपने पतिव्रता धर्म को निभाने के लिए किसी भी लोक तक जा सकती हूं।’ यह सुन यमराज सावित्री के पतिव्रता धर्म से प्रसन्न हो गये.
यमराज ने सावित्री से वर मांगने के लिए कहा तो सावित्री ने यमराज को अपनी बातों में ऐसा घुमाया कि वो एक के बाद एक वर देते चले गए और सावित्री को 100 पुत्रों की मां होने का वर दे दिया.
तब सावित्री ने यमराज से कहा कि आपने मुझे 100 पुत्रों की माता होने का वर दे तो दिया लेकिन पति की मृत्यु के बाद मैं 100 पुत्रों को जन्म कैसे दूंगी.
यमराज असमंजस में पड़ गए और फिर उन्हें सत्यवान को जीवनदान देना पड़ा. इस तरह सावित्री ने ना केवल अपने पति के प्राण बचाये बल्कि आगे चलकर 100 पुत्रों को जन्म भी दिया.
खबर में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई, ज्यादा जानकारी के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करें. इसके काल्पनिक चित्रण का ZEE UP/UK समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.