आगरा और दिल्ली का लाल किला इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्चर पर आधारित है. दिल्ली के लाल किले को पांचवे मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था.
जब 1558 में अकबर आगरा आया तो उसके इतिहासकार अबुल फजल ने उसे बताया कि बर्बाद हुए महल को बादलगढ़ के नाम से जाना जाता है.
आगरा के किले को तीसरे मुगल बादशाह अकबर ने राजस्थान के लाल बलुआ पत्थरों से बनवाया, लेकिन दोनों में अंतर क्या है आइए जानते हैं?
आगरा का किला दिल्ली के मुकाबले काफी बड़ा है. आगरा का किला 254.67 एकड़ और दिल्ली का 125 एकड़ में बना है.
आगरा का किला इस बात का गवाह रहा है कि कैसे भारतीय इतिहास में ब्रिटिश राज कायम हुआ और अंग्रेजों ने सत्ता कायम की.
किला 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान एक लड़ाई का स्थल था, जो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के अंत का कारण था.
आगरा का लाल किला यमुना के किनारे बना हुआ है. जहां से ताज महल साफ दिखता है. यहां सैकड़ों सैलानी रोजाना पहुंचते हैं.
दिल्ली का लाल किला चांदनी चौक, जामा मस्जिद और फैज बाजार से घिरा हुआ है. यहां देश और विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं.
दिल्ली के लाल किले को किला-ए-मुबारक नाम से जाना जाता था.इस किले का रंग लाल नहीं सफेद हुआ करता था. इसके पीछे इतिहास की एक लंबी कहानी है.
लाल किला या किला-ए-मुबारक का डिजाइन उस्ताद अहमद लाहौरी ने किया था. इसके कई हिस्से चूने के पत्थर से बनवाए गये थे, जिसका रंग सफेद था.
लाल किले की वास्तुकला फारसी, तिमुरिड और भारतीय शैलियों का मिश्रण है. इसके जटिल लेकिन मनमोहक डिजाइन, राजसी दृश्यकला और विशाल आंगनों का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है.
1857 के विद्रोह के दौरान इसके कई हिस्सों को अंग्रेजों ने नुकसान पहुंचाया और समय के साथ चूने के पत्थर खराब होने लगे. इसलिए अंग्रेजों ने लाल रंग से पेंट करवा दिया. फिर इसे लाल किला बुलाया जाने लगा.
दिल्ली के लाल किले का काफी महत्व है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में है और पीएम यहां झंडा फहराते हैं.